उज्जैन में भी अब विज्ञान के अत्याधुनिक उपकरणों की जानकारी विद्यार्थियों के अलावा अन्य पर्यटकों को मिल सकेगी। आधुनिक आैर विज्ञान आधारित पर्यटन के रूप में शहर में उपक्षेत्रीय विज्ञान केंद्र बनकर तैयार होगा। खास बात यह है कि प्रदेश में केवल भोपाल में बने एकमात्र क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र से भी यह साइंस सेंटर बड़ा होगा। जिसमें म्यूजियम, चिल्ड्रन एवं आईटी पार्क सहित साइंस बेस्ड अत्याधुनिक मॉडल रखे जाएंगे।
राज्य सरकार ने तारामंडल के विस्तार के साथ ही उपक्षेत्रीय विज्ञान केंद्र की स्थापना को भी मंजूरी दे दी है। 16 करोड़ रुपए की लागत से यह साइंस सेंटर बनकर तैयार होगा। कालगणना का केंद्र रहे उज्जैन में वसंत बिहार क्षेत्र में स्थित तारामंडल परिसर में ही साइंस सेंटर को स्थापित किया जाएगा। पांच साल पहले तैयार किए गए इस प्रस्ताव को हरी झंडी मिलने के बाद इसके निर्माण में कम से कम तीन वर्ष का समय लगेगा। इस सेंटर पर आधुनिक विज्ञान पर आधारित मॉडल आैर प्रदर्शनियां रहेंगी। जिसकी जानकारी भी मौके पर ही मिल सकेगी।
साइंस इंटरटेनमेंट व नॉलेज का केंद्र होता है साइंस सेंटर
मप्र विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् (मैपकास्ट) के पूर्व महानिदेशक डॉ. पीके वर्मा के कार्यकाल में ही उपक्षेत्रीय विज्ञान केंद्र का प्रस्ताव तैयार हुआ था। डॉ. वर्मा ने बताया वर्ष 2014 में यह प्रस्ताव तैयार हुआ था। साइंस सेंटर को स्थापित करने की नेशनल काउंसिल ऑफ साइंस म्यूजियम (एनसीएसएम) की योजना होती है। इसमें म्यूजियम, चिल्ड्रन पार्क आदि के अलावा आधुनिक विज्ञान पर आधारित नए मॉडल रखे जाते हैं। खासतौर पर यह विद्यार्थियों के अलावा अन्य लोगों में विज्ञान के प्रति रुचि जागृत करने आैर उनमें नवाचार को विकसित करने का प्रयास है। सेंटर साइंस इंटरटेनमेंट आैर नॉलेज का केंद्र होता है। भोपाल में बना साइंस सेंटर 15 वर्ष से भी पुराना है। उज्जैन में अगर साइंस सेंटर विकसित होता है तो यह भोपाल से भी बड़ा होगा। इससे उज्जैन में धार्मिक के अलावा साइंस टूरिज्म डेवलप होगा।